EVM-VVPAT issue : EVM-VVPAT वेरिफिकेशन केस में उच्च न्यायालय में सुनवाई, कोर्ट ने कहा- गड़बड़ी की संभावनाएं नहीं होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग केस में सुनवाई हुई।

EVM-VVPAT issue :  EVM-VVPAT वेरिफिकेशन केस में उच्च न्यायालय में सुनवाई, कोर्ट ने कहा- गड़बड़ी की संभावनाएं नहीं होनी चाहिए

EVM-VVPAT issue : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (electronic voting machine) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (Voter Verifiable Paper Audit Trail) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग केस में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) और जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Dutta) की बेंच इस केस को सुन रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग (election Commission) से कहा कि हमें पूरी चुनावी प्रक्रिया के बारे में बताया जाए। वीवीपैट की गिनती कैसे की जाती है, इसमें मैकेनिज्म क्या है, जिससे यह तय हो जाए कि कोई छेड़छाड़ ना हो सकती है। और ईवीएम और वीवीपैट का विरोध क्यों हो रहा है?

‘स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए चुनाव’

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग (election Commission) से कहा कि यह एक चुनावी प्रक्रिया है। इसमें पवित्रता होनी चाहिए। चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। किसी को भी आशंका नहीं होनी चाहिए कि, जो कुछ भी संभावनाएं बनती हैं, वह नहीं की जा सकती है। इस पर चुनाव आयोग के वकील ने कोर्ट से कहा कि, ये सिर्फ आशंकाएं हैं। जिसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रहनी चाहिए, किसी को शक नहीं होना चाहिए कि ये होना चाहिए था और नहीं हुआ। 

याचिकाकर्ताओं ने दिये 3 सुझाव

इससे पहले 16 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा था कि, ईवीएम और वीवीपैट में लगने वाली चिप को प्रोग्राम किया जा सकता है। मशीनों में छेड़छाड़ की आशंका से इनकार नहीं कर सकते। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से ही इसका समाधान पूछा तो, उन्होंने 3 सुझाव दिए। पहला- बैलट पेपर पर वापस जाएं। दूसरा- मतदाता को VVPAT पर्ची बैलट बॉक्स में डालने और पर्चियों की गिनती की मंजूरी दी जाए। तीसरा- मशीन के शीशे को ट्रांसपेरेंट बनाने और सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती हो। 

अगस्त 2023 में दाखिल हुई थी याचिका

बता दें कि वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत सत्यापन को लेकर एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि वोटर्स को वीवीपैट की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।

ये वकील SC में कर रहे पैरवी

याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश हुए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं।