चोर-चोर मौसेरे भाई की भूमिका में कांग्रेस और केजरीवाल : अनुराग ठाकुर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा कि केजरीवाल को जांच एजेंसियों ने 9 बार समन भेजे, पर वह जांच में शामिल नहीं हुए।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा कि केजरीवाल को जांच एजेंसियों ने 9 बार समन भेजे, पर वह जांच में शामिल नहीं हुए। क्या वे खुद को देश के कानून से ऊपर समझते हैं?
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वह करोड़ों रुपए का घोटाला करते हैं और रोज सदाचार पर मीडिया में बाइट देते हैं। क्या वे अपने घर में बैठकर संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और विजय नायर जैसे भ्रष्टाचारियों को ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटते रहेंगे? क्या अब देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी, जिनके खुद के कई नेता जेल में हैं और उन्हें बेल नहीं मिल रही, वे बताएंगे कि कौन ईमानदार है और कौन बेईमान? आखिर अरविंद केजरीवाल जांच से क्यों भाग रहे थे? गिरफ्तार न होकर वह कौन सा सच छुपाना चाह रहे थे?"
अनुराग ठाकुर ने आगे कांग्रेस द्वारा अरविंद केजरीवाल को समर्थन दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "चोर चोर मौसेरे भाई हैं। देश की जनता को आज इनकी असलियत मालूम चल चुकी है। कांग्रेस और उसके बड़े नेता पहले सवाल खड़ा करते थे कि अरविंद केजरीवाल की जांच होनी चाहिए। लेकिन आज ये सभी अरविंद केजरीवाल के समर्थन में खड़े हैं।"
अरविंद केजरीवाल के जेल से सरकार चलाए जाने की अटकलों पर अनुराग ठाकुर ने कहा, "ये दिल्ली की जनता, कानून और लोकतंत्र का अपमान है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो अरविंद केजरीवाल राजनीति में आने से पहले ईमानदारी की बड़ी-बड़ी बातें करते थे और कहते थे कि सोनिया गांधी के साथ दो दिन पूछताछ करने से पता लगेगा कि भ्रष्टाचार कैसे हुआ, आज उन्होंने खुद 9 समन की अनदेखी की।"
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "मनी ट्रेल मौजूद है। किसने किस से बात कराई, इसमें उपमुख्यमंत्री का क्या रोल था, यह सब है। इन सभी ने मिलकर यह बड़ा भ्रष्टाचार किया है और आज शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के सभी नेता एक्सपोज़ हो चुके हैं। यह पहले कहते थे कि राजनीति में नहीं आएंगे पर राजनीति में आए। कहते थे गाड़ी बंगला नहीं लेंगे, लेकिन गाड़ी और बंगला लिया। कहते थे कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे, पर कांग्रेस से भी हाथ मिलाया।"