Acharya Laxmikant Dixit : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन, सीएम योगी समेत कई नेताओं ने जताया दुख
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और गंभीर बीमारी की चपेट में थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में ने अंतिम सांस ली।
Acharya Laxmikant Dixit : अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित (Acharya Laxmikant Dixit) का शनिवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और गंभीर बीमारी की चपेट में थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में ने अंतिम सांस ली।लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में अच्छे विद्वानों में होती थी। लक्ष्मीकांत दीक्षित की अध्यक्षता में ही 121 पंडितों की टीम ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान किए थे।
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का वाराणसी में हुआ निधन
मौत की खबर फैलने के बाद काशी के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) पूजन में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित की मुख्य भूमिका रही थी। इनके नेतृत्व में 121 पुजारियों ने अनुष्ठान को संपन्न किया था। इस दौरान बेटे और परिवार के अन्य सदस्य भी पूजा में मौजूद रहे थे। इसके अलावा, वह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के लोकार्पण पूजन में भी शामिल थे। उनके पारिवारिक सदस्य ने बताया कि आज अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया।
काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।
संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना… — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 22, 2024
सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का गोलोक गमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!''
काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति एवं अथाह दुःख का क्षण है।
संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।… — Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) June 22, 2024
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने एक्स पर लिखा, ''काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति एवं अथाह दुःख का क्षण है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। अयोध्यापति प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिव्यात्मा को अपने परमधाम में स्थान और उनके शिष्यों व अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।''
वाराणसी के सांगवेद महाविद्यालय में आचार्य थे
गौरतलब है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान लक्ष्मीकांत दीक्षित का प्रमुख पुजारी के रूप में चयन हुआ था। उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए थे। लक्ष्मीकांत दीक्षित पूजा पद्धति में सिद्धहस्त और वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय (Sangveda College in Viransi) के वरिष्ठ आचार्य रहे। लक्ष्मीकांत दीक्षित पूजा पद्धति की सभी विधाओं में सिद्धहस्त माने जाते थे।
मणिकर्णिका घाट पर होगा अंतिम संस्कार
पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे। लेकिन उनका परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रह रहा है। उन्होंने अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा ली थी। आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान मंगलागौरी से निकलेगी और अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट (Varanasi Manikarnika Ghat) पर किया जाएगा।