51st Chief Justice of India: सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, CJI चंद्रचूड़ ने की नाम की सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ का कार्यकाल इसी साल नवंबर में पूरा हो रहा है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश कर दी है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार देश के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के लिए जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की शिफारिश की है।

51st Chief Justice of India: सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, CJI चंद्रचूड़ ने की नाम की सिफारिश

51st Chief Justice of India: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (Chief Justice D.Y. Chandrachur) का कार्यकाल इसी साल नवंबर में पूरा हो रहा है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश कर दी है। सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने केंद्र सरकार (Central government) देश के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India) के लिए जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) के नाम की शिफारिश की है। अब जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 51वें मुख्य न्यायाधीश (51st Chief Justice) होंगे। 

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को हो रहे रिटायर 

दरअसल, मौजूदा सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ (CJI D.Y. Chandrachur) 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं। परंपरा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। सीजेआई चंद्रचूड़ के बाद सीनियर जजों की लिस्ट में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सबसे ऊपर है। इसी के चलते मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (Chief Justice D.Y. Chandrachur) ने सीजेआई (CJI) के पद के लिए जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) के नाम की सिफारिश की है। हालांकि उनका कार्यकाल केवल 6 महीने का ही होगा।

जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को हो रहे रिटायर 

बता दें कि 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 बड़े फैसले लिखे हैं। इस दौरान वे करीब 275 बेंचों का हिस्सा भी रहे हैं। 

दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल तक रहे जज 

14 मई 1960 को जन्में जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की है। लॉ से स्नातक करने के बाद, उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया। सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए जाने से पहले वे दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में 14 साल तक जज रहे। 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। 

सुप्रीम कोर्ट का जज बनने पर हुआ था बड़ा विवाद 

जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने पर जमकर विवाद हुआ था। कहा जाता है कि 32 जजों की अनदेखी करके उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। 10 जनवरी 2019 को कॉलेजियम ने उनकी जगह जस्टिस माहेश्वरी और वरिष्ठता में 33वें स्थान पर जस्टिस खन्ना को पदोन्नत करने का निर्णय किया। इसके बाद सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए थे।

चाचा जहां से हुए रिटायर, उस कोर्ट रूम से की शुरुआत 

अप्रैल 1973 में सुप्रीम कोर्ट के तीन वरिष्ठ जजों को दरकिनार करते हुए एएन रे को सीजेआई बनाया गया था। 1977 में जब जस्टिस रे रिटायर हुए तो जस्टिस एचआर खन्ना सबसे सीनियर थे। लेकिन, उनके स्थान पर जस्टिस एमएच बेग को चुना गया। इमरजेंसी के दौरान जस्टिस खन्ना ने इंदिरा सरकार के खिलाफ फैसले सुनाए थे, जस्टिस संजीव खन्ना उन्हीं के भतीजे हैं। जस्टिस संजीव खन्ना के पिता जस्टिस देवराज खन्ना (Justice Devraj Khanna) भी दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। उनके चाचा जस्टिस हंसराज खन्ना (Justice Hansraj Khanna) भी सुप्रीम कोर्ट में जज रह चुके हैं। यह दुर्लभ संयोग था कि जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर अपना पहला दिन उसी कोर्ट रूम से शुरू किया, जहां से उनके चाचा, दिवंगत जस्टिस एचआर. खन्ना (Justice HR. Food) रिटायर हुए थे।