POK Crisis: POK में लग रहे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, अब मोदी दिलाएंगे कब्जे से आजादी!
POK Crisis: हाल फिलहाल के दिनों मे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बसे लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें पाकिस्तान से आजादी दिलाने की मांग की है। पीओके में में इन दिनों पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
POK Crisis: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बसे लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें पाकिस्तान से आजादी दिलाने की मांग की है। पीओके (POK) में में इन दिनों जमकर पाकिस्तान (Pakistan)विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। आसमान छूती महंगाई,भोजन की कमी और अत्यधिक कर लगाने के खिलाफ पीओके (POK) के शहरों, कस्बों और गांवों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
महंगाई, बिजली कटौती से त्रस्त हैं लोग
पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) के एक जाने माने एक्टिविस्ट शब्बीर चौधरी ने आम जनता की चिंताओं को व्यक्त करते हुए क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान (Pakistan) को दोषी ठहराया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पर एक वीडियो पोस्ट कर दावा किया कि पीओके (POK) में लोग महंगाई, बिजली कटौती, सुरक्षा जैसे कई अन्य मुद्दों को लेकर पाकिस्तान (Pakistan)की सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने डंके की चोट पर इस बात का दावा किया कि यहाँ के लोग पाकिस्तान (Pakistan) के अवैध कब्जे से मुक्ति के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) से मदद मांग रहे हैं।
LOC पर भी कई बार सुनी गई नारेबाज़ी
पीओके (POK)में बनी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों को नारे लगाते सुना गया है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी से कहो हमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी दिलाएं। हमारी आत्माओं को बचाओ, हम भूख से मर रहे हैं, यहां पर आओ और हमारी मदद करो। हालांकि, पाकिस्तान भी इस बात से परेशान है। क्योंकि पाकिस्तान (Pakistan)के बलोचिस्तान (Balochistan) के बाद पीओके (POK) अब दूसरा राज्य है जो अलग होने की मांग कर रहा है। कूटनीति दृष्टिकोड़ से भी इस तरह की मांग का उठना पाकिस्तान (Pakistan)के लिए किसी किर किरी से कम नहीं है। जैसे जैसे यह मुद्दा तूल पकड़ रहा है वैसे वैसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान (Pakistan) को मुह की खानी पड़ रही है क्योंकि यह किसी से छुपा नहीं की वह पीओके (POK) के नागरिकों से दोयम दर्जे का व्यवहार करता है।