Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मामलों की सुनवाई के लिए जारी किया नया सर्कुलर, CJI ने बदले नियम
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (16 नवंबर) को मामलों की सुनवाई को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, अब बुधवार और गुरुवार को रेगुलर सुनवाई वाले केस लिस्ट नहीं किए जाएंगे।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शनिवार (16 नवंबर) को मामलों की सुनवाई को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, अब बुधवार और गुरुवार को रेगुलर सुनवाई वाले केस लिस्ट नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा सर्कुलर में कहा गया कि हफ्ते में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ट्रांसफर याचिकाओं, बेल के मामलों और दूसरे केस को लिस्ट किया जाएगा। इन दिनों में रेगुलर सुनवाई वाले मामले लिस्ट नहीं होंगे।
लंच के बाद सुने जाएंगे मिसलेनियस या रेगुलर
वहीं, स्पेशल बेंच या पार्ट हियर्ड मैटर (आंशिक सुनवाई) वाले मामले चाहे वो मिसलेनियस हों या रेगुलर, उन्हें मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को लिस्ट करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे मामलों को लंच (दोपहर) के बाद के सेशन या कॉम्पिटेंट अथॉरिटी (Competent Authority)के निर्देश के मुताबिक लिस्ट किये जाएंगे।
सोमवार-शुक्रवार को लिस्ट किए जाएंगे नए मामले
मौजूदा प्रैक्टिस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नए मामले हफ्ते में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को लिस्ट किए जाते हैं। इन्हें मिसलेनियस डे भी कहा जाता है। रेगुलर सुनवाई के लिए मंगलवार-गुरुवार को तय किया गया है, जहां मामलों की अंतिम सुनवाई होती है।
CJI सुरेश खन्ना ने बदला SC का रोस्टर रिस्टम
11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के बाद चीफ जस्टिस सुरेश खन्ना (Chief Justice Suresh Khanna) ने मामलों की सुनवाई के लिए बनाए जाने वाले रोस्टर में बदलाव किया था। फैसला लिया गया कि चीफ जस्टिस और दो वरिष्ठ जजों की अध्यक्षता वाली पहली तीन बेंच लेटर पिटीशन और जनहित याचिकाओं (PIL) की सुनवाई करेंगी।
CJI चंद्रचूड़ ने इस प्रथा को बंद कर दिया था
केस अलॉटमेंट के नए रोस्टर के तहत सुप्रीम कोर्ट को लिखे लेटर पर आधारित याचिकाओं और PIL की सुनवाई चीफ जस्टिस खन्ना (Chief Justice Suresh Khanna), जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) और जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) की अध्यक्षता वाली बेंच करेंगी। पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित सभी 16 बेंच को जनहित याचिकाएं सुनवाई के लिए अलॉट कर रहे थे। हालांकि, उनके उत्तराधिकारी रहे पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने इस प्रथा को बंद कर दिया था।
फौरन लिस्टिंग और सुनवाई मौखिक नहीं होगी- चीफ जस्टिस खन्ना
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वकील अब किसी मामले की फौरन लिस्टिंग और मौखिक सुनवाई नहीं करा सकेंगे। नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ने 12 नवंबर को कहा था कि वकीलों से इसके लिए ईमेल या रिटन लेटर भेजा होगा। चीफ जस्टिस ने ज्यूडिशियल रिफोर्म के लिए सिटिजन सेंट्रिक एजेंडे की रूपरेखा तैयार की है।
वकीलों को ईमेल या लेटर भेजना होगा
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना (Chief Justice Sanjeev Khanna) ने कहा था कि तत्काल सुनवाई के लिए अब तक वकील सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ के सामने मौखिक अपील कर रहे हैं, यह अब नहीं होगा। वकीलों को ईमेल भेजकर या लेटर देकर यह बताना होगा कि केस की अर्जेंट लिस्टिंग और सुनवाई क्यों आवश्यक है।