Sheikh Hasina: बांग्लादेश छोड़ने से पहले शेख हसीना ने तीनों सेनाओं के चीफ से क्या कहा? वह देश छोड़ने पर कैसे हुईं राज़ी?
बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से नौकरी में आरक्षण को खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुआ। सोमवार (5 अगस्त) का दिन बांग्लादेश की राजनीति और शेख हसीना के लिए इतिहास बन गया।
Sheikh Hasina: बांग्लादेश (bangladesh) में पिछले कई दिनों से नौकरी में आरक्षण को खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) के इस्तीफे को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुआ। सोमवार (5 अगस्त) का दिन बांग्लादेश की राजनीति और शेख हसीना के लिए इतिहास बन गया। यह दिन शेख हसीना के खिलाफ हुआ प्रदर्शन हिंसक हो चुका था। 1 दिन पहले ही देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 14 पुलिसकर्मियों समेत 100 लोगों की मौत हो गई थी।
5 अगस्त को पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) से भारत को 2 अर्जियां भेजी जाती हैं। 1826 किलोमीटर दूर राजधानी दिल्ली पहुंची पहली अर्जी में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भारत आने की इजाजत मांगी थी। वहीं इसके कुछ ही देर बाद ही वहां से दूसरी अर्जी भेजी जाती है जिसमें बांग्लादेश के अधिकारी मिलिट्री एयरक्राफ्ट भारत में दाखिल होने के लिए क्लियरैंस मांगता हैं। अनुमति मिलने के बाद सोमवार शाम को ही शेख हसीना का विमान दिल्ली में लैंड करता है।
प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) के देश छोड़ने से पहले बांग्लादेश में क्या-क्या हुआ? 15 साल से देश में सत्ता पर काबिज रहने वाली शेख हसीना को छिपकर भारत क्यों आना पड़ा, उन 24 घंटों में क्या-क्या हुआ?
तीनों सेनाओं के प्रमुख प्रधानमंत्री आवास पहुंचे
5 अगस्त की सुबह बांग्लादेश की सड़कों पर 4 लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारी इकट्ठा थे। ये सभी प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) को सत्ता से हटाने के लिए पीएम आवास की ओर कूच कर रहे थे। देश का माहौल बिगड़ता देख और किसी बड़ी घटना से बचने के लिए तीनों सेनाओं के प्रमुख और पुलिस चीफ एक साथ शेख हसीना से मिलने के लिए पीएम आवास पहुंचे। उस समय उनकी बहन शेख रेहाना (Sheikh Rehana) भी पीएम आवास में मौजूद थीं। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने हसीना को देश के हालात के बारे में जानकारी दी। शेख हसीना ने उन्हें हर हाल में प्रदर्शनकारियों को रोकने का आदेश दिया। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इसे नामुमकिन बताया।
प्रदर्शनकारियों पर काबू की कोई गारंटी नहीं- सेना प्रमुख
सेना प्रमुख वकार-उज-जमान (Army Chief Waqar-uz-Zaman) ने शेख हसीना को बताया कि देशभर से प्रदर्शनकारी ढाका पहुंच रहे हैं। कुछ लोग प्रधानमंत्री आवास (Prime Minister's residence) के पास पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री को बचाने के लिए हमारे पास इकलौता उपाय यही है कि लोगों तो मारा जाए, इसके जनसंहार करना पड़ेगा। लेकिन, इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों पर काबू की कोई गारंटी नहीं है।
बेटे के समझाने पर राजी हुईं शेख हसीना
तीनों सेना प्रमुखों की चिंताओं को देखते हुए पीएम की बहन रेहाना ने हसीना से अकेले में करीब 20 मिनट तक बात की। इसके बाद जब वे दोनों लौटीं तब शेख हसीना चुप थीं। वह प्रदर्शनकारियों को काबू में करने पर अड़ी हुई थीं। आखिरकार, आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान ने अमेरिका में रह रहे शेख हसीना के बेटे वाजेद जॉय से फोन पर बात की और उन्हें समझाने को कहा। इसके बाद सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटे से बात कराई। इस दौरान कुछ मिनट तक हसीना चुप रहीं, वे खामोशी से अपने बेटे की बात सुन रही थीं। आखिर में 'हां' में सिर हिलाते हुए शेख हसीना ने फोन रख दिया। शेख हसीना अपने बेटे के समझाने पर बांग्लादेश छोड़ने पर राजी हो गईं, हालांकि वे ऐसा करना नहीं चाहती थीं।
सेना की बख्तरबंद गाड़ियों के बीच अपने आवास से निकलीं हसीना
देश में बिगड़े हालात को देख आर्मी चीफ ने अनुमान लगाया कि शेख हसीना के पास देश ने निकलने के लिए 1 घंटे से भी कम समय है। दोपहर करीब 1 बजे हसीना बहन रेहाना के साथ अपने घर से बाहर आईं। उनकी बहन रेहाना के हाथ में एक बड़ा फोटो फ्रेम था। दूसरी तरफ, बांग्लादेश के बड़े अधिकारी शेख हसीना के जाने से पहले देश के नाम उनके आखिरी संबोधन की तैयारी कर रहे थे। इस बीच कुछ गलतफहमियों के चलते लाइव ब्रॉडकास्ट वाला ट्रक पीएम आवास की जगह आर्मी चीफ के हेडक्वार्टर चला गया। इसके बाद हसीना के स्टाफ की मौजूदगी में भारी सुरक्षा के बीच उन्हें एक गाड़ी में बैठाकर पीएम आवास से ले जाया गया। शेख हसीना के काफिले में करीब 12 गाड़ियां शामिल थीं। उन्होंने आवास के मेन गेट से निकलने की कोशिश की। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद उन्हें दूसरे रास्ते से बाहर निकाला गया। हालांकि दूसरे रास्ते पर भी प्रदर्शनकारी मौजूद थे। शेख हसीना की सुरक्षा में शामिल टीम ने सेना से मदद की अपील की। इसके बाद सेना की बख्तरबंद गाड़ियां पीएम आवास पहुंच गईं। सेना ने भीड़ को किसी तरह से रोका और फिर हसीना को वहां से निकाला गया। पीएम आवास से शेख हसीना को सीधे एक हेलीपैड ले जाया गया। यहां से हेलिकॉप्टर के जरिए शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना को एयरफील्ड पहुंचीं। इस एयरफील्ड से दोनों को एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट में बैठाकर बांग्लादेश से बाहर ले जाया गया।
आर्मी चीफ वकार ने की इमरजेंसी बैठक
शेख हसीना के देश छोड़ने के तुरंत बाद आर्मी चीफ वकार ने विपक्षी पार्टियों के साथ इमरजेंसी बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने जनता को संबोधित किया। आर्मी चीफ वकार ने कहा कि शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। अब हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, अब हम देश को संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।
5 अगस्त से भारत में हैं शेख हसीना
सोमवार 5 अगस्त की शाम करीब 6 बजे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड हुआ। यहां भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने शेख हसीना को रिसीव किया। वहीं हसीना 5 अगस्त से भारत में ही हैं। इस बीच दावा किया जा रहा है कि शेख हसीना यूएई या सऊदी अरब जा सकती हैं। कहा जा रहा है कि लंदन में पनाह न मिलने के बाद वे फिनलैंड या मिडिल ईस्ट के किसी देश जैसे यूएई और सऊदी जा सकती हैं। वहीं हसीना के बेटे वाजेद जॉय ने कहा कि उन्होंने किसी दूसरे देश से पनाह नहीं मांगी हैं। हसीना अभी भारत में ही रहेंगी।