NMC new guidelines:राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद ने जारी की नई गाइडलाइंस, अब गणित के छात्र भी डॉक्टर बन सकेंगे

नीट का एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है, अब उन्हें 12 के बाद नीट करने के लिए 11-12 वीं में बॉयोलाजी पढ़ने की जरुरत नही है।

NMC new guidelines:राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद ने जारी की नई गाइडलाइंस, अब गणित के छात्र भी डॉक्टर बन सकेंगे

NMC new guidelines: 12thकई बार बच्चे 11 और 12 में अपने सब्जेकट को चुनने में कंफ्यूज हो जातें है। उन्हें भविष्य में करना नीट होता है लेकिन वो घर वालों के दबाव में आकर या दोस्तों के चक्कर में मैथस ले लेते है। तो ऐसे में अब छात्रों के लिए खुशखबरी है। NMC की नई गाइडलाइंस के तहत डॉक्टर बनने के लिए अब 12वीं में बायोलॉजी की पढ़ाई जरूरी नहीं होगी। जो बच्‍चे 11वीं और 12वीं में मैथमेटिक्‍स से पढ़ाई किये है अब भविष्‍य में वो भी मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने और डॉक्‍टर बनने का सपना देख सकते है। बता दें कि नेशनल मेडिकल काउंसिल यानी NMC ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं।

क्या है नई गाइडलाइन

NMC की नई गाइडलाइन (National Medical Council official website) के अनुसार 11वीं-12वीं में फिजिक्‍स, केमेस्‍ट्री, बायोलॉजी या फिजिक्‍स, केमेस्‍ट्री, मैथ्‍स दोनों स्‍ट्रीम के स्‍टूडेंट्स NEET UG की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हालांकि, PCM से 12वीं करने वाले छात्रों को एडिशनल सब्‍जेक्‍ट के तौर पर बायोटेक्‍नोलॉजी की परीक्षा देनी पड़ेगी। 

Download NMC's new guidelines here

NMC द्वारा जारी की गई नोटिस में बताया गया है कि 12वीं पास करने वाले छात्रों को बाद में एडिशनल सब्‍जेक्‍ट्स के रूप में अंग्रेजी के साथ-साथ फिजिक्‍स, केमेस्‍ट्री, बायोलॉजी/ बायोटेक्‍नोलॉजी पढ़ाई करने वाले स्‍टूडेंट्स NEET-UG की परीक्षा में बैठने में समर्थ होंगे। भारत में NEET परीक्षा MBBS (MBBS course) और BDS कोर्सेज में एडमिशन के लिए अनिवार्य है।

NMC जारी करेगा सर्टिफिकेट 

NMC की नई गाइडलाइन के तहत स्‍टूडेंट्स विदेश में भी ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज़ में एडमिशन ले सकते है।जो छात्र विदेश से पढ़ाई करेंगे उन्हें एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी विचार किया जाए

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आपको बता दें कि विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सर्टिफिकेट देने के नियमों में बदलाव का निर्णय 14 जून के बाद किया गया था। जिसमें NMC ने 12वीं कक्षा में अलग-अलग विषयों के अध्ययन के इस कदम को सही ठहराया था। सूत्रों के मुताबिक यह नया नियम अगले एकेडमिक सेशन से लागू होगा। काउंसिल का कहना है कि ये कदम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी NEP 2020 के तहत लिया गया है।