Jharkhand Mukti Morcha : पहले मोदी सरकार कहते थे, अब एनडीए सरकार कह रहे हैं : झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पहले लोग 'मोदी सरकार' कहते थे, लेकिन अब 'एनडीए सरकार' कह रहे हैं।
Jharkhand Mukti Morcha : झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पहले लोग 'मोदी सरकार' कहते थे, लेकिन अब 'एनडीए सरकार' कह रहे हैं। झामुमो महासचिव ने कहा, “18वीं लोकसभा के गठन से पूर्व एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया। इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका एनडीए के तमाम नेताओं ने स्वागत किया।“
NDA संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “मोदी ने भाषण दिया। मोदी जी नैतिक तौर पर पीएम के दावेदार नहीं रहे। जबरदस्ती पीएम बने। नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। 1962 में नेहरू आए थे। उस समय फ्रैक्चर्ड मैंडेट नहीं था। आज फ्रैक्चर्ड मैंडेट है। आज पहली बार 10 वर्षों के बाद मोदी एनडीए का नाम लेने के लिए बाध्य हुए हैं। इस बार उन्होंने एक बार भी भाजपा का नाम नहीं लिया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जो बीज एनडीए नेताओं ने लगाई थी, वो अब पेड़ बन चुका है। आज उन्होंने मोदी के नाम का ढिंढोरा नहीं पीटा।“
झारखंड के आजसू पार्टी को अपमानित किया गया - सुप्रियो भट्टाचार्य
उन्होंने कहा, “यह जनादेश उनके नेतृत्व को खारिज करता है। एक दल के नेता को मंच पर बैठाया गया। झारखंड के आजसू पार्टी को अपमानित किया गया। उसे मंच पर जगह नहीं दी गई। जातिगत जनगणना की जाएगी कि नहीं, इस पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा। झारखंड से गए नौ सांसदों को बताना होगा कि सरना धर्म कोड, जातीय जनगणना, 27 फीसद ओबीसी आरक्षण, जिसे सदन ने पास कर भेजा है, वो लागू होगा कि नहीं।“
पीएम मोदी ने खुद कहा कि हमारी पार्टी में कुछ फ्रॉड लोग
उन्होंने आगे कहा, “सीएए लागू होगा की नहीं? इन सवालों का जवाब देना होगा। मोदी घबरा गए हैं। पीएम मोदी ने खुद कहा कि हमारी पार्टी में कुछ फ्रॉड लोग हैं। पिछले 10 वर्षो से वो मोदी सरकार कह रहे थे, लेकिन आज एनडीए सरकार कह रहे हैं। यही उनकी पराजय है। अब अग्निवीर योजना को समाप्त करना चाहिए। महंगाई को काबू करने की दिशा में सरकार को कदम उठाना चाहिए।“