Acharya Vidyasagar : जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, पीएम मोदी ने जताया शोक

जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ब्रम्हलीन हो गए हैं। जैन मुनि ने आज रात 2 बजकर 30 बजे समाधि ले ली है। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ पर उन्होंने अंतिम सांस ली। जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।

Acharya Vidyasagar : जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, पीएम मोदी ने जताया शोक

Acharya Vidyasagar : जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ब्रम्हलीन हो गए हैं। जैन मुनि ने आज रात 2 बजकर 30 बजे समाधि ले ली है। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ पर उन्होंने अंतिम सांस ली। जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। डोंगरगढ़ की चंद्रगिरी में में उन्होंने। रात लगभग 2:30 बजे महाराज का देवलोक गमन हो गया। आचार्य विद्यासागर जी ने 6 फरवरी को योग सागर जी से चर्चा की और फिर आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने मुनि श्री समय सागर जी महाराज को आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।

पिछले साल पीएम मोदी ने लिया था आशीर्वाद

कुछ महीने पूर्व विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात की थी, जिसकी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।

जैन समाज देश भर में बंद रखेगा अपनी दुकानें

आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने पर देशभर में जैन समाज के लोग आज अपनी-अपनी दुकानें बंद रखेंगे। देश भर से आचार्य श्री के शिष्य चंद्रगिरि पहुंच रहे हैं। व्यवस्था बनाने के लिए राजनांदगांव पुलिस बल भारी संख्या में तैनात है। मुनि श्री संभव सागर जी महाराज, समता सागर, महासागर जी महाराज, पूज्य सागर जी, निरामय सागर डोंगरगढ़ में ही हैं।

पीएम मोदी ने सोशलमीडिया पर पोस्ट करके जाता शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशलमीडिया पर पोस्ट कर के कहा कि, "आचार्य विद्यासागर महाराज ब्रम्हलीन होने पर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।"

रविवार को दोपहर लगभग एक बजे उन्हें पंचतत्व में विलीन किया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार के लिए अग्नि कुंड तैयार किया गया है।