Bharat vs India: हिंदू वोटों को एकजुट करने पर सीएम बिस्वा की नजर, शुरू की 'भारत' की जयकार

Bharat vs India: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा देश के पहले ऐसे नेता है, जिन्होंने 'भारत' नाम की जय-जयकार शुरू कर दी। उन्होंने एक्स पर अपना बायो बदल दिया है और देश के नाम में इंडिया की जगह 'भारत' जोड़ लिया है।

Bharat vs India: हिंदू वोटों को एकजुट करने पर सीएम बिस्वा की नजर, शुरू की 'भारत' की जयकार

Bharat vs India: देश का नाम इंडिया बनाम भारत करने पर पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं तेज है। विपक्षी दल केंद्र सरकार (Central government) पर लगातार हमला बोल रहा है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री (Assam Chief) हिमंत बिस्वा सरमा ( Minister Himanta Biswa Sarma) देश के पहले ऐसे नेता है, जिन्होंने 'भारत' नाम की जय-जयकार शुरू कर दी। उन्होंने एक्स पर अपना बायो बदल दिया है और देश के नाम में इंडिया की जगह 'भारत' जोड़ लिया है।

देश का नाम 'भारत' कर दें- मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) लगातार देश का नाम 'भारत' करने पर जोर दे रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) का भी नाम बदला जाना चाहिए। हिमंत बिस्वा ने कहा था कि केंद्रीय बैंक (Central bank) का नाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) की जगह रिजर्व बैंक ऑफ भारत (Reserve Bank of Bharat) होना चाहिए। यह पुनर्जागरण युग है। केंद्र के साथ-साथ असम में भी कई बदलाव लागू किए गए हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा (Chief Minister Himanta Biswa) ने आगे दावा किया कि देश में अंग्रेजों द्वारा थोपे गए कई रीति-रिवाज अभी भी मौजूद हैं और उन्हें बदला जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, चाहे वह इंडिया हो या भारत, मुझे नहीं लगता कि यह विवादित है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पहले ही घोषणा कर दी है कि इंडिया और भारत नामों का परस्पर उपयोग किया जा सकता है। जब गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने संसद में भारतीय न्याय संहिता कानून (Indian Judicature Code Law) पेश किया तो किसी ने विरोध नहीं किया।


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मो 'भारत' पर बहस करते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) और मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Manmohan Singh) ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि, मनमोहन सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, और एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने भी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि, जहां तक मुझे याद है, इंदिरा गांधी ने भी इंडिया के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं बल्कि भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

ब्रिटिश काल के रीति-रिवाज ‘औपनिवेशिक हैंगओवर’ हैं

हिमंत बिस्वा ने जोर देकर कहा कि ‘इंडिया’ शब्द और ब्रिटिश काल के रीति-रिवाज ‘औपनिवेशिक हैंगओवर’ हैं और देश ‘पुनर्जागरण के चरण’ में इंट्री करने वाला है, जिसके दौरान उन्हें छोड़ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि ‘लोग 75 वर्षों से इस औपनिवेशिक खुमारी को खत्म करने के लिए एक मोदी के आने का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने इंडिया शब्द के इस्तेमाल और औपनिवेशिक प्रथाओं को आगे बढ़ाने का जिक्र करते हुए जारी रखा, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (First Prime Minister Jawaharlal Nehru) द्वारा किए गए किसी काम के लिए मोदी जी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?


मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने 'इंडिया बनाम भारत' बहस के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) पर भी हमला किया। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि, राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) की और तब कांग्रेस नेताओं को इससे कोई दिक्कत नहीं थी। मुझे लगता है कि कांग्रेसियों को पहले राहुल से पूछना चाहिए कि उन्होंने इंडिया जोड़ो यात्रा के बजाय भारत जोड़ो यात्रा क्यों की। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को जब अच्छा लगता है तो वह भारत नाम लेती है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि अगर राहुल गांधी भारत नाम का उपयोग करते हैं तो यह पार्टी के पुराने नेताओं के लिए ठीक है। जब हम इसे भारत कहते हैं, तो कांग्रेस इसकी आलोचना करती हैं जो बहुत अजीब है।

2015 में भाजपा में शामिल हुए थे बिस्वा

गौरतलब है कि 2015 में कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल होने वाले हिमंत बिस्वा सरमा को भगवा पार्टी के किसी भी अन्य प्रमुख नेताओं की तुलना में हिंदुत्व की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए देखा गया है। पिछले दो सालों में उन्होंने असम में मदरसों को बंद करने, मुस्लिम आबादी वाले स्थानों में बेदखली अभियान, बाल विवाह पर नकेल कसने और हाल ही में परिसीमन अभ्यास जैसे कई फैसले लिए जिनमें से लगभग सभी को विपक्ष ने मुस्लिम विरोधी कदम बताया है।

मुझे मुस्लिम वोटरों की जरूरत नहीं है, 'हेमंत बिस्वा'

बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने खुले तौर पर घोषणा कर दी है कि उन्हें मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं है। असम में 30 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम वोट हैं, हिमंत बिस्वा सरमा राज्य की राजनीति को बाइनरी में बदलना चाहते हैं। उनका इरादा बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण के जरिए हिंदू वोटरों को बीजेपी के लिए एकजुट करने का है और मुस्लिम वोट कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) पार्टी के बीच बट सकते हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा का भारत नाम के लिए जयकार करना असम में हिंदू मतदाताओं को लुभाने का एक और प्रयास है।