Samajwadi Party: मायावती ने सपा पर कसा तंज, बोलीं विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में पीडीए की हुई अपेक्षा
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी पर पीडीए को गुमराह कर वोट हासिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने नए नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद अपनी राय जाहिर की।
Samajwadi Party:बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (National President of Bahujan Samaj Party Mayawati) ने समाजवादी पार्टी पर पीडीए को गुमराह कर वोट हासिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने नए नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद अपनी राय जाहिर की।
1. सपा मुखिया ने लोकसभा आमचुनाव में खासकर संविधान बचाने की आड़ में यहाँ PDA को गुमराह करके उनका वोट तो जरूर ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह भी सोचने की बात। 1/2 — Mayawati (@Mayawati) July 29, 2024
मायावती ने एक्स पर किया पोस्ट
बसपा मुखिया मायावती ने सोमावार को एक्स पर लिखा कि सपा मुखिया ने लोकसभा आम चुनाव में खासकर संविधान बचाने की आड़ में यहां पीडीए को गुमराह करके उनका वोट तो जरूर ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष (Opposition in UP Assembly) का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह भी सोचने की बात है। उन्होंने आगे कहा कि जबकि सपा में एक जाति विशेष को छोड़कर बाकी पीडीए के लिए कोई जगह नहीं। ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा व भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीड़न व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं है। वास्तव में इनका विकास एवं उत्थान केवल बसपा सरकार में ही हुआ। अतः ये लोग ज़रूर सावधान रहें।
2. जबकि सपा में एक जाति विशेष को छोड़कर बाकी PDA के लिए कोई जगह नहीं। ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा व भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीड़न व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं। वास्तव में इनका विकास एवं उत्थान केवल BSP सरकार में ही हुआ। अतः ये लोग ज़रूर सावधान रहें। 2/2 — Mayawati (@Mayawati) July 29, 2024
माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर दी मायावती ने दी प्रतिक्रिया
दरअसल, मायावती ने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। रविवार को समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की घोषणा की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुआ था। राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन था कि पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समाज का ही कोई नेता इस पद के लिए चुना जाएगा। लेकिन सपा ने अलग ही दांव चला और यूपी को संदेश देने की कोशिश की कि पीडीए की बात करने के बावजूद वो ब्राह्मण समाज को नजरअंदाज नहीं कर रही है।