Magh Mela 2024: तंबुओं के शहर में पहुंचने लगे कल्पवासी, 15 से शुरु हो रहा माघमेला

हर साल माघमेले में देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं। इस बार पूरा मेला पांच सेक्टरों में बसाया गया है।

Magh Mela 2024: तंबुओं के शहर में पहुंचने लगे कल्पवासी, 15 से शुरु हो रहा माघमेला

Magh Mela 2024: संगम तीर्थ क्षेत्र प्रयागराज में माघमेले के लिए तंबुओं का शहर बस चुका है। इसी के साथ त्रिवेणी संगम के चारों ओर बसी टेंट सिटी में देश भर से साधु-संत और कल्पवासियों का आगमन भी शुरु हो चुका है। गंगा, यमुना और सरस्वती के किनारे बसे इस मेले की 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति के पर्व से शुरुआत हो जाएगी। 

मकर संक्रांति को होगा पहला स्नान

मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी को पहला शाही स्नान होता है इसी के साथ डेढ महीने तक चलने वाले माघमेले की शुरुआत होती है। हर साल माघमेले में देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं। इस बार पूरा मेला पांच सेक्टरों में बसाया गया है। वहीं मेला प्रशासन का अनुमान है कि इस बार तकरीबन 2 करोड़ स्नानार्थी स्नान के लिए संगम पहुंचेंगे। 

पुलिस और पैरामिलिट्री तैयार

गंगा यमुना के किनारे बड़ी मात्रा में पुआल बिछाने का काम जोरों से चल रहा है ताकि स्नानार्थियों को ठंड से बचाया जा सके। इसी के साथ पुलिस और पैरामिलिट्री के जवानों भी मुस्तैद कर दिए गए हैं।

अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार

इस बार माघ मेले में त्रिवेणी और गंगा नाम के 2 अस्पताल बनाए गए हैं जिसमें 20-20 बेड की व्यवस्था है। इनमें से त्रिवेणी अस्पताल बनकर तैयार है और यहां 13 जनवरी से ही आने वाले श्रद्धालुओं का इलाज शुरू हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ मेला क्षेत्र में 12 स्थानों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बनाए गए हैं जहां मरीज सामान्य बीमारियों की दवाईयां ले सकेंगे।

7000 कूड़ेदान की व्यवस्था

बता दें कि 2024 के माघ मेले को महाकुंभ 2025 के ट्रेलर के रूप में देखा जा रहा है। जिसको देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में इस बार स्वच्छता पर खासा फोकस दिया गया है। इसके लिए यहां 7 हजार से ज्यादा कूड़ादान रखवाया गया है ताकि लोग कचरा इसी में डालें और कचरा गाड़ी इस कचरे को मेला से बाहर ले जाएगी। इसी के साथ 21000 टायलेट की व्यवस्था भी की गई है। वहीं मेला क्षेत्र में 6 बड़े अस्थायी पार्किंग स्थल भी बने हैं।सके अलावा 21 विद्युत उपकेंद्र बनाए गए हैं ताकि पूरा मेला क्षेत्र रात में भी और सुंदर चमकता हुआ दिखे।

प्रमुख स्नान पर्व

पहला शाही स्नान 15 जनवरी सोमवार को मकर संक्रांति के दिन होगा, इसके बाद 25 जनवरी गुरुवार को पौष पूर्णिमा पर दूसरा शाही स्नान है। 9 फरवरी शुक्रवार को मौनी अमावस्या, 14 फरवरी बुधवार को बसंत पंचमी, 24 फरवरी शनिवार को माघी पूर्णिमा और उसके बाद शुक्रवार 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर शाही स्नान का महापर्व होगा।