Digital Attendance System : 8 जुलाई से परिषदीय स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस का आदेश, विरोध में उतरे शिक्षक

8 जुलाई से राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के लिए फेस रिकग्निशन सिस्सटम से हाजिरी लागाना अनिवार्य कर दिया है। शिक्षक अब सोमवार से ही टैबलेट पर चेहरा दिखाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। अध्यापकों को विद्यालय खुलने और विद्यालय बंद होने पर अपनी हाजिरी लगानी होगी। इसके विरोध में सोशल मीडिया में चलाया कैंपेन

Digital Attendance System : 8 जुलाई से परिषदीय स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस का आदेश, विरोध में उतरे शिक्षक

Digital Attendance System : 8 जुलाई से राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों (Council schools in UP) में शिक्षकों (Digital Attendance System for Teachers) के लिए फेस रिकग्निशन सिस्सटम से हाजिरी लागाना अनिवार्य कर दिया है। शिक्षक अब सोमवार से ही टैबलेट पर चेहरा दिखाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। अध्यापकों को विद्यालय खुलने और विद्यालय बंद होने पर अपनी हाजिरी लगानी होगी। पहले यह व्यवस्था 15 जुलाई से लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। शिक्षक संगठनों (Teacher Organizations in UP) को लामबंद होता देख अब इसे पहले ही लागू किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है #boycottऑनलाइनहाज़िरी

नए आदेश की जानकारी होते ही शिक्षकों में इसे लेकर विरोध तेज हो गया। शिक्षकों के विरोध को लेकर सोशल मीडिया सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर #boycottऑनलाइनहाज़िरी (boycott online attendance) ट्रेंड कर रहा हैं। इसमें 157 K से अधिक हुए रीट्वीट हुए हैं। जिसके बाद से विभागीय आला अधिकारियों में हड़कंप मचने की खबर हैं।

फेस रिकग्निशन सिस्सटम के विरोध में महिला शिक्षक संघ की हुई बैठक

वहीं महिला शिक्षक संघ (UP Women Teachers Association) भी इस फैसले को लेकर जबरदस्त विरोध कर रहा हैं। संघ की प्रदेश अध्यक्ष (Women Teachers Association State President) सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में आज सभी 75 जिलों के प्रभारियों की बैठक हुई। बैठक में शिक्षकों इस फैसले को लेकर खुल कर विरोध किया। पिछले सत्र से ही परिषदीय विद्यालयों में पिछले साल से शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की डिजिटल अटेंडेंस समेत एक दर्जन रजिस्टर को डिजिटल करने की कवायद चल रही है। लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते इसको नहीं लागू किया जा सका था। शिक्षकों ने बरसात के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक दिक्कत का हवाला देते हुए इसमें रियायत देने की मांग कर रहे हैं।

10-15 मिनट देरी पर नहीं होई कोई कार्रवाई

बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव (Basic Education Principal Secretary) डॉ.एमकेएस सुंदरम ने बताया कि किसी भी वजह से 10-15 मिनट या बरसात के कारण थोड़ी देर से आने वाले शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हमारा उद्देश्य व्यवस्थाओं को स्ट्रीम लाइन करना है, न की किसी पर कार्रवाई करना। आने वाले समय में इसका फायदा शिक्षक को ही मिलेगा। आने वाले दिनों में अन्य विभागीय कार्यालयों में भी डिजिटल अटेंडेंस लगेगी।