69000 Teacher Recruitment Cases: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार (9 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 16 अगस्त को आए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश निलंबित रहेगा। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

69000 Teacher Recruitment Cases: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

69000 Teacher Recruitment Cases: उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती मामले (Uttar Pradesh 69000 teacher recruitment cases) में सोमवार (9 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले में 16 अगस्त को आए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) और जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) की बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश निलंबित रहेगा। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

कोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल करें- सीजेआई चंद्रचूड़

69000 शिक्षक भर्ती मामले (69000 Teacher Recruitment Cases) में सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने सभी पक्षकारों से कहा कि आप लिखित दलीलें दाखिल करें। हम इस पर फाइनल सुनवाई करेंगे। हाईकोर्ट के आदेश को पढ़ने के लिए समय चाहिए। 

दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने 13 अगस्त को दिये अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 की चयन सूची को रद्द करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) को आदेश दिया था कि वो 2019 में हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर 69000 शिक्षकों के लिए नई सिलेक्शन लिस्ट तीन महीने में जारी करें। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा था, यदि कोई आरक्षित वर्ग का कैंडिडेट जनरल कैटेगरी के बराबर मेरिट हासिल कर लेता है तो उसका चयन जनरल कैटगरी में ही माना जाना चाहिए। इस आदेश पर यूपी में बड़ी संख्या में नौकरी कर रहे शिक्षकों पर नौकरी खोने का खतरा मंडराने लगा। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court and its Bench at Lucknow) ने पिछले महीने की 13 तारीख को यूपी सरकार (UP government) को तीन महीने के अंदर शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना था कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं दिया गया। 

शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका 

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के खिलाफ परिषदीय विद्यालयों में 4 साल से नौकरी कर रहे शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ताओं में शिक्षक राघवेंद्र प्रताप सिंह, रवि शिवम चौबे, प्रकाश पांडेय और रवि सक्सेना सहित अन्य शामिल हैं। याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से एडवोकेट गौरव बनर्जी, एस मुरलीधर, मुकुल रोहतगी, पीए सुंदरम पैरवी कर रहे है।

2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आया मामला

2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में शिक्षकों की भर्ती में 19 हजार सीटों पर आरक्षण घोटाला सामने आया था। ऐसे में बेंच ने आदेश दिया कि आरक्षण नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का पालन करके नई लिस्ट बनाई जाए। इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट (Lucknow High Court) की सिंगल बेंच भी ये मान चुकी थी कि 69,000 शिक्षकों की भर्ती में 19,000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ था।