NEET Paper Leak Case: नीट केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, ‘ये सिस्टमैटिक फेल्योर नहीं, केवल पटना-हजारीबाग में ही लीक हुआ पेपर’

नीट पेपर लीक केस में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना अंतिम फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने छात्र, एनटीए और सरकार सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज अपना फाइनल फैसला सुनाया है।

NEET Paper Leak Case: नीट केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, ‘ये सिस्टमैटिक फेल्योर नहीं, केवल पटना-हजारीबाग में ही लीक हुआ पेपर’

NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक केस (NEET Paper Leak Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज अपना अंतिम फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने छात्र, एनटीए (NTA) और सरकार सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज अपना फाइनल फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक एक सिस्टमैटिक फेलियर नहीं हैं। यह बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है। नीट परीक्षा में केवल पटना (Patna) और हजारीबाग (Hazaribagh) सेंटर्स पर ही गड़बड़ी हुई है। इसमें पूरे देश में हुआ नीट एग्जाम (neet exam) प्रभावित नहीं हुआ है। इसलिए हम हम नीट की दोबारा परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर रहे हैं।

हाईकोर्ट जा सकते हैं याचिकाकर्ता 

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एग्जाम देने वाले अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए एसओपी (SOP) तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि, अगर किसी की शिकायत का निवारण सर्वोच्य न्यायालय (supreme court) के फैसले से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है। 

सुप्रीम कोर्ट ने SOP बनाने का दिया आदेश

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को एग्जाम कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीए को अब भविष्य के लिए ध्यान रखना चाहिए और इस प्रकार की लापरवाही से बचना चाहिए। एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कड़ी जांच करे। परीक्षा के प्रश्न पत्रों के संचालन की जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए। एग्जाम पेपर को ट्रांसपोर्ट कराने के लिए खुले वाहन के बजाय रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा जाए, ताकि अगर भविष्य में कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके।

30 सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करेगी एक्सपर्ट कमेटी 

सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए द्वारा जांच के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी से परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कहा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने एनटीए की जांच के लिए 22 जून को एक्सपर्ट कमेटी बनाने की घोषणा की थी। इसरो के पूर्व चेयरमैन के. राधाकृष्णनन (Former ISRO Chairman K. Radhakrishnan) को कमेटी का डायरेक्टर बनाया गया हैं। कोर्ट ने 8 बिंदुओं पर कमेटी से जवाब मांगा है और 30 सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।

 सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था फैसला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को 40 याचिकाओं पर सुनवाई पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि नीट का एग्जाम दोबारा नहीं होगा। पूरी परीक्षा में गड़बड़ी होने के पर्याप्‍त सबूत प्राप्त नहीं हुए हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ (Chief Justice Chandrachud) ने कहा था कि हम पेपर लीक के ठोस सबूतों के बिना दोबारा परीक्षा कराने का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि सीबीआई (CBI) जांच के बाद केस की पूरी तस्वीर ही बदल जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक बिहार के पटना और हजारीबाग तक ही सीमित नहीं है।

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