Social media detox: बॉडी ही नहीं माइंड को भी करे डिटॉक्स, बेहतर मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी हैं ये कदम

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक जरूरी हिस्सा बन गया है। इंस्टाग्राम पोस्ट, रील्स, मेटा(फेसबुक), एक्स(टिव्टर), यूटूय्ब जैसे प्लेटफार्म पर लाइक्स, कमेंट्स, फॉलोअर्स का प्रभाव आज हर एक की लाईफ में देखा जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पहले सिर्फ एक मजेदार तरीका था दोस्तों से जुड़नें का, अब ये एक जाल बन गया है, जो अक्सर लोगों की मेंटल हेल्थको इफेक्ट करता है।

Social media detox: बॉडी ही नहीं माइंड को भी करे डिटॉक्स, बेहतर मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी हैं ये कदम

Social Media Detox:आज के डिजिटल (DigitalWorld) युग में सोशल मीडिया(Social Media) एक जरूरी हिस्सा बन गया है। इंस्टाग्राम(Instagram) पोस्ट(Post), रील्स,(Reels) मेटा(फेसबुक), एक्स(टिव्टर), यूटूय्ब जैसे प्लेटफार्म पर लाइक्स, कमेंट्स, फॉलोअर्स का प्रभाव आज हर एक की लाईफ में देखा जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पहले सिर्फ एक मजेदार तरीका था दोस्तों से जुड़नें का, अब ये एक जाल बन गया है, जो अक्सर लोगों की मेंटल हेल्थ(Mental Health)को इफेक्ट करता है। आज हम एक ऐसे ही ट्रेंडी टॉपिक को लेकर बात करेंगें। लेकिन उससे पहले जानते है कि सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट(Side Effect) के बारे में। 

कंपैरिजन का प्रेशर 

सोशल मीडिया पर लोग अक्सर अपने जिंदगी से जुड़े बेहतरीन पलों को ही दिखाते है। ये देखकर अक्सर लोग जेलस(Jealous) और तुरंत ही कंपेयर(Compare) करना शुरू कर देते है। लगातार ऐसे कंपैरिजन और जेलेसी, एक व्यक्ति की सेल्फ-एस्टीम(Self-Esteem) को कम कर देगा। 

लाइक्स और वेलिडेशन का सहारा

हर पोस्ट पर जितने जयादा लाइक्स (Likes)और कमेंटेस (Comments)मिलते है, उतना ही अच्छा लगता है। ये सिर्फ एक डोपामाइन रश(Dopamine Rush) का काम करता है। लेकिन जब मन चाहें लाइक्स नहीं मिलते है तो एंग्जायटी(Anxiety) और इरिटेशन(Irritation) होने लगती है। 

साइबर-बुलिंग और नेगेटिव कमेंट्स 

सोशल मीडिया प्लेटफार्म (Social Media Platform)पर ट्रोलर्स(Trollers) का ट्रोल(Troll) करना बहुत आम बात है। ये नेगेटिव कमेंट्स(Negative Comments) कई बार इतने ओफेंसिव (Offensive)होते है की शख्स फिर अपने आप को हारा हुआ महसूस करने लगता है। साइबर-बुलिंग(Cyberbulling) से शिकार होने वाले लोग अक्सर अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर परेशान रहते है। तो चलिए आज आपको बताते है कि इससे बचाव कैसे कर सकते है -

सोशल मीडिया डिटॉक्स 

हर टाइम फोन में लगें रहना भी एक मेजर कारण है इसलिए कभी-कभी सोशल मीडिया(Social Media) से दूर रहना जरूरी है। इससे हम अपनी रियल लाइफ(Real Life) में ध्यान दें सकते हैं, और डिजिटल वर्लड(Digital world) के प्रेशर (Pressure)से दूर रह सकते है। 

पॉजिटिव कन्टेंट को चुने

हमेंशा वहीं कन्टेंट(Content) को चुने और देखें जो आपको मोटिवेट(Motivate) और इंसपायर(Inspire) करें। नेगेटिव(Negative) और टॉक्सिक कन्टेंट(Toxic Content) को अवॉइड(Avoid) करें। ऐसे लोगों को फॉलों करें(Follow) जो आपको पॉजिटिव वाइब(Positive vibe) दें और साथ ही आपको खुश भी रखें। 

रियल लाईफ लोगों से इंटरेक्ट करें 

सोशल मीडिया पर फ्रेंड्स(Friends) और फॉलोअर्स(Followers) को छोड़ रियल लाइफ(Real life) में लोगों से घुले-मिलें। ऐसा करने से आप सोशल(Social) बनेगें और अच्छा फील करेगें। तो ये हैं कुछ टिप्स जिन्हें फॉलों करनें से आप अपने मेंटल हेल्थ(Mental Health)की प्रोपर(Proper)देखभाल कर सकते हैं।