Reservation in private jobs: यूपी में संविदा-आउटसोर्सिंग भर्तियों में जल्द लागू होगा आरक्षण!,उपचुनाव से पहले योगी सरकार कर सकती है ऐलान
यूपी की योगी सरकार राज्य में संविदा और आउटसोर्सिंग में भरे जाने वाले पदों में आरक्षण लागू करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव से पहले ही आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकती है।
Reservation in private jobs : यूपी की योगी सरकार (yogi government) राज्य में संविदा (Contract recruitment in UP) और आउटसोर्सिंग (outsourcing recruitment in up) में भरे जाने वाले पदों में आरक्षण लागू करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव से पहले ही आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकती है। वहीं इस मामले को विधानमंडल की समिति ने उठाया था। इसके बाद से ये मामला जोर से चर्चा में आया है। कई विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा।
संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों में क्या अंतर
संविदा में सरकारी विभाग और कर्मचारी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। कर्मचारी को कभी भी हटाया जा सकता है। बता दें कि, विभाग हर महीने एक निश्चित सैलरी देता है। वहीं आउटसोर्सिंग कर्मचारी वो होते है जिनका थर्ड पार्टी या किसी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट होता है। बता दें कि, कंपनी या थर्ड पार्टी सरकारी विभागों को कर्मचारी उपलब्ध कराती है। वहीं इसमें भी कभी भी कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर के नौकरी से हटाया जा सकता है। इतना ही नहीं कर्मचारी को कोई सरकारी लाभ भी नहीं मिलता।
ऐसी भर्तियों से सरकार पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है
सरकार ऐसी भर्तियों को इसलिए बढ़ावा दे रही है, ताकि उस पर आर्थिक बोझ न बढ़े। इसका अंदाजा हाल ही में नियुक्त कर्मचारियों की संख्या से लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग और ग्राम्य विकास विभाग में कर्मचारी को इसी तरीके से रखा गया है।
केशव मौर्या ने भी उठाये थे सवाल
वहीं केशव मौर्या ने संविदा और आउटसोर्सिंग से हुई भर्ती में आरक्षण व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। साथ ही अब तक हुई भर्ती में आरक्षण का फायदा कितने युवाओं को मिला, इसका ब्योरा भी मांगा था। उन्होंने यूपी कार्य समिति की बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, "जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है और बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा।" मौर्य ने आगे कहा था कि 7 कालिदास मार्ग कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है। डिप्टी सीएम के इसी बयान के बाद यूपी की सियासत चर्चा केंद्र में आ गई थी। आपको बता दें इस दर्द में वो आरक्षण की बात का ही जिक्र कर रहें है।
नियमों को पहले से सख्त करना होगा
कार्मिक एवं नियुक्ति विभाग (Department of Appointment and Personnel) के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया- आउटसोर्स कर्मचारी सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाते। सरकार, आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं ठेकेदार के जरिए लेती है। इसलिए इसमें आरक्षण का फायदा फिलहाल नहीं मिल रहा है। इसलिए आउटसोर्सिंग में भी आरक्षण लागू करने के नियमों को कुछ सख्त करना होगा।