Mayawati: आपदा पर भी बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगी हैं- मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को फिर घेरा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदाओं के कारण देश भर में हो रही जानमाल के भारी नुकसान पर बीजेपी और कांग्रेस देश हित को ताक पर रखकर एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं।

Mayawati: आपदा पर भी बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगी हैं- मायावती

Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) को फिर घेरा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदाओं के कारण देश भर में हो रही जानमाल के भारी नुकसान पर बीजेपी और कांग्रेस देश हित को ताक पर रखकर एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं। 

मायावती ने देश में आ रही आपदाओं पर जताया दुख 

बसपा मुखिया मायावती (BSP chief Mayawati) ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आपदाओं के कारण देश भर में हो रही जानमाल की भारी हानि पर भी खासकर भाजपा व कांग्रेस द्वारा, जन व देशहित को ताक पर रखकर, जिस प्रकार से संसद के भीतर व बाहर राजनीति की जा रही है और इसमें भी एक-दूसरे को गलत व नीचा दिखाने के अवसर तलाशे जा रहे हैं, ये अनुचित, दुखद व चिन्तनीय है।

‘खराब जलवायु के लिए कांग्रेस व भाजपा कसूरवार’ 

मायावती ने लिखा कि देश की चिन्ता ‘ब्लेम गेम’ (Blame game) की बजाय, जलवायु/पर्यावरण की अनदेखी कर जन सुविधा आदि के नाम पर हो रहे असंतुलित विकास को लेकर है, जिसके लिए कांग्रेस व भाजपा की सरकारें ज्यादातर कसूरवार हैं, किन्तु अब इसके प्रति पूरी तरह से गंभीर होकर सुनियोजित तरीके से काम करने की जरूरत है।

देश के कई राज्यों में भारी बारिश का कहर

बता दें कि देश के कई हिस्सों में भीषण आपदा आई हुई है। केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने से जानमाल की भारी क्षति हुई है। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा से काफी क्षति हुई है।

कांग्रेस-भाजपा का रवैया उदारवादी रहा है- मायावती

इसके पहले मायावती ने कहा था कि देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों और सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं हैं, वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती।