Jewel Store of Jagannath Temple: 46 साल बाद खुला जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, लकड़ी के 6 संदूक के साथ 11 सदस्यीय कमेटी ने किया प्रवेश

ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार आज 14 जुलाई को खोल दिया गया है। तय शुभ मुहूर्त पर दोपहर 1:28 बजे भत्न भंडार खोला गया। इस दौरान भंडार गृह में मंदिर समिति के सदस्य, सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि समेत 11 लोग दाखिल हुए।

Jewel Store of Jagannath Temple: 46 साल बाद खुला जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, लकड़ी के 6 संदूक के साथ 11 सदस्यीय कमेटी ने किया प्रवेश

Jewel Store of Jagannath Temple: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) का रत्न भंडार आज 14 जुलाई को खोल दिया गया है। तय शुभ मुहूर्त पर दोपहर 1:28 बजे भत्न भंडार खोला गया। इस दौरान भंडार गृह में मंदिर समिति के सदस्य, सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि समेत 11 लोग दाखिल हुए। मंदिर का खजाना खोलने से पहले प्रशासन ने लकड़ी के भारी-भारी 6 बड़े संदूक मंगाए है। एक संदूक इतना भारी है कि उसे उठाने के लिए 8 से 10 लोगों को लगना पड़ा। इन्हें रत्न भंडार गृह में भेज दिया गया है। वहीं इस मौके पर जगन्नाथ मंदिर के बाहर भारी संख्या में लोग मौजूद हैं।

46 साल पहले 1978 में खोला गया था खजाना

जानकारी के मुताबिक, मंदिर के रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की जाएगी। जिसमें उनका वजन और निर्माण संबंधी डिटेल दर्ज की जाएगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सुपरिटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि रत्न भंडार की मरम्मत की जाएगी। जिसके इंजीनियर्स रत्न भंडार का सर्वे करेंगे। मंदिर का खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। उससे पहले 1905 और 1926 में खोला गया था। इस बीच बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई थी।

एसपी पिनाक मिश्रा (SP Pinak Mishra) ने बताया कि सब कुछ मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक ही किया जा रहा है। मुझे कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। रत्न भंडार गृह में दाखिल उच्च स्तरीय कमेटी और उसके सदस्य बाहर आने के बाद ही जानकारी देंगे।   

रत्न भंडार में दाखिल हुई 11 सदस्यीय कमेटी 

मंदिर के रत्न भंडार में 11 सदस्यीय कमेटी दाखिल हुई है। जिसमें उड़ीसा हाईकोर्ट के जज बिस्वनाथ रथ (Orissa High Court Judge Biswanath Rath), श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी, एएसआई सुपरिटेंडेंट डीबी गडनायक और पुरी के नामधारी राजा गजपति महाराजा के प्रतिनिधि समेत चार सेवक- पाटजोशी महापात्र, भंडार मेकप, चाधौकरण और देउलिकरन शामिल हैं। 

पिछली सरकार ने रत्न भंडार को रहस्य बनाकर रखा था- डिप्टी CM 

राज्य की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा (Deputy Chief Minister Pravati Parida) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश के मुताबिक हमें वहां मौजूद रहना है। हम आज से ही वहां पर रुकेंगे और देखेंगे कि गिनती आराम से हो। हमें विश्वास है कि प्रभु की कृपा से सब कुछ आसान होगा। पिछली सरकार ने रत्न भंडार को रहस्य बनाकर रखा था। रत्न भंडार की बार-बार गिनती होनी चाहिए।

अग्न्या की रस्म सुबह पूरी की गई- जस्टिस बिश्वनाथ रथ

कोषागार में कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस बिश्वनाथ रथ ने कहा- कोषागार खोलने से पहले खजाने की मालिक देवी बिमला, देवी लक्ष्मी की मंजूरी ली गई। अंत में इसके देखभालकर्ता भगवान लोकनाथ की मंजूरी ली गई। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों ने दोपहर 12 बजे पारंपरिक पोशाक में मंदिर में प्रवेश किया। अग्न्या की रस्म, जिसमें रत्न भंडार को फिर से खोलने के लिए मंजूरी मांगी जाती है, आज सुबह पूरी हुई।