Governor C.V. Anand Bose: "राजभवन में धरना देने के लिए सीएम ममता का स्वागत करता हूं" राज्यपाल बोस

Governor C.V. Anand Bose: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में राजभवन परिसर के भीतर ही धरना प्रदर्शन कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने पांच सितंबर को शिक्षक दिवस समारोह के मौके पर कहा था कि वह राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगी।

Governor C.V. Anand Bose:  "राजभवन में धरना देने के लिए सीएम ममता का स्वागत करता हूं" राज्यपाल बोस

Governor C.V. Anand Bose:राज्यपाल ने नई दिल्ली से कोलकाता लौटने के तुरंत बाद बुधवार सुबह मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री मेरी सम्मानित सहयोगी हैं। राजभवन में उनका स्वागत है। वह राजभवन के अंदर आ सकती हैं और अपने सभी विरोध प्रदर्शन वहीं कर सकती हैं। वह यहां प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित अतिथि के रूप में आ सकती हैं।” आपको बतादें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पांच सितंबर को शिक्षक दिवस समारोह के मौके पर कहा था कि वह राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगी।

मुख्यमंत्री मेरी सम्मानित सहयोगी हैं

पांच सितंबर को, मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की सहमति के बिना पश्चिम बंगाल में 16 राज्य विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के इस फैसले के लिए राज्यपाल के खिलाफ तीखा हमला किया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो वह राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन करेंगी और उन विश्वविद्यालयों की आर्थिक नाकेबंदी करेंगी, जो राज्यपाल के निर्देशानुसार संचालित होंगे, जो अपने पद के आधार पर सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं।

बुधवार को राज्यपाल ने उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजभवन में मुख्यमंत्री का स्वागत करने के बावजूद वह राज्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्त प्रकृति की रक्षा में कोई समझौता नहीं करेंगे।

ममता बनर्जी ने कहा था कि राजभवन के बाहर करेंगी प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि “मुझे इतने सारे राज्य विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति क्यों करनी पड़ी? ऐसा इसलिए था क्योंकि पिछले कुलपतियों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इस्तीफा देना पड़ा था, क्योंकि उनकी नियुक्तियाँ मानदंडों के अनुसार नहीं थीं। मैंने उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया।"

राज्यपाल ने सवाल किया, "अब आप पूछ सकते हैं कि राज्य द्वारा मनोनीत व्यक्तियों को कुलपति के रूप में क्यों नियुक्त नहीं किया गया। उन नामांकित व्यक्तियों में से कुछ या तो भ्रष्टाचार में शामिल थे, जबकि अन्य पर छात्राओं को परेशान करने का आरोप है। मैं उन्हें कुलपति के रूप में कैसे नियुक्त कर सकता हूं?"

बोस ने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा नियुक्त अंतरिम कुलपतियों को राज्य सरकार द्वारा समर्थित नौकरशाहों के एक वर्ग से जबरदस्त दबाव का सामना करना पड़ रहा है, इसके परिणामस्वरूप उनमें से कुछ ने दबाव सहन करने में असमर्थ होकर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, "ऐसे पांच अंतरिम कुलपतियों ने इस्तीफा दे दिया और उन्होंने मुझे बताया कि वे किस तरह के दबाव का सामना कर रहे थे।"

वहीं  पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने राज्यपाल के बयान को भाजपा नेतृत्व द्वारा निर्देशित “स्क्रिप्टेड ड्रामा” बताया।
कुणाल घोष ने कहा कि “राज्यपाल सभी को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह राज्य में शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर रहे हैं। घोष ने कहा, यह भाजपा का असली एजेंडा है।