GST Notice: ज़ोमैटो और स्विगी को 500 करोड़ का मिला जीएसटी नोटिस, ज्यादा फीस वसूलने पर हुआ एक्शन
ज़ोमैटो और स्विगी के मुताबिक, 'डिलीवरी चार्ज' कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं। कंपनियां ग्राहकों से ही वह लागत वसूलती हैं और इसे डिलीवरी पार्टनर्स को दे देती हैं।
GST Notice: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (zomato)और स्विगी (swiggy)को डिलीवरी शुल्क पर 500 करोड़ रुपये का जीएसटी (GST)नोटिस मिला हैं। बुधवार यानि 22 नवंबर को मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है। दोनों ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्राहकों से डिलीवरी फीस के नाम पर कुछ पैसे वसूलते हैं।
डिलीवरी फीस को लेकर हुआ विवाद
मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, टैक्स अधिकारियों और फूड डिलीवरी ऐप्स के बीच अक्सर डिलीवरी फीस को लेकर विवाद होता रहता है। इस बीच करीब 1000 करोड़ रुपये का विवाद होने की बात सामने आई है। इस मामले पर ज़ोमैटो ने टिप्पणी से इनकार कर दिया वहीं स्विगी ने भी कोई टिप्पणी नहीं की है।
डिलीवरी पार्टनर्स को दिया जाता है वसूली का पैसा
ज़ोमैटो और स्विगी के मुताबिक, 'डिलीवरी चार्ज' कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं। कंपनियां ग्राहकों से ही वह लागत वसूलती हैं और इसे डिलीवरी पार्टनर्स को दे देती हैं। लेकिन, रिपोर्ट के मुताबिक टैक्स अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं। पिछले महीने, स्विगी ने खाने के ऑर्डर के लिए प्लेटफ़ॉर्म शुल्क दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था। स्विगी के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘प्लेटफ़ॉर्म शुल्क में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। अधिकांश सेवा प्रदाता यह शुल्क लगाते हैं और उद्योगों में यह एक आम बात है।
दो से बढ़ाकर तीन रुपये किया प्लेटफॉर्म शुल्क
जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने अप्रैल में कार्ट मूल्य से स्वतंत्र प्रति ऑर्डर दो रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लागू किया था। ज़ोमैटो ने अगस्त में अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क भी शुरुआती दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया। ज़ोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजरों से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया। जिन्हें पहले छूट दी गई थी।