Prayagraj News: प्रयागराज के अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप, बिना इलाज लौटे मरीज

देश भर के सभी अस्पतालों में डाक्टरों की आज देशव्यापी हड़ताल है। इसका असर प्रयागराज में भी देखने को मिल रहा है। यहां के एसआरएन हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं हैं।

Prayagraj News: प्रयागराज के अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप, बिना इलाज लौटे मरीज

Prayagraj News: कोलकाता (Kolkata) में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे है। आज देश के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने आज सुबह 6 बजे से अगले 24 घंटे के लिए बंद की घोषणा की है। इस दौरान सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी कामकाज बंद हैं। 

एसआरएन हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाएं हुई ठप

देश भर के सभी अस्पतालों में डाक्टरों की आज देशव्यापी हड़ताल है। इसका असर प्रयागराज (Prayagraj) में भी देखने को मिल रहा है। यहां के एसआरएन हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं हैं। इसके अलावा 12 अगस्त से अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों और व मेडिकल के छात्रों का कार्य बहिष्कार जारी है। वे पिछले 5 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। इस दौरान 8 हजार से अधिक मरीज बिना इलाज के ही लौट गए हैं। 

आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में आते हैं मरीज

दरअसल, एसआरएन अस्पताल (SRN Hospital) जिले का बड़ा सरकारी हॉस्पिटल है। यहां सिर्फ प्रयागराज ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। रोजाना करीब 2 हजार मरीज ओपीडी में दिखाते हैं। वहीं 12 अगस्त से यहां ओपीडी बंद है। जब लोग अस्पताल पहुंचते हैं तब उन्हें पता चलता है कि पर्चा नहीं बन रहा है। जिसके कारण उन्हें बिना इलाज ही वापस लौटना पड़ रहा है। 

अस्पताल से बिना इलाज के लौटे मरीज

एसआरएन अस्पताल (SRN Hospital) के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस दौरान अस्पताल पहुंचे गंभीर मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। बीते दिन (शुक्रवार) को ओपीडी पूरी तरह से ही बंद करा दी गई। सुबह के वक्त कुछ पर्चे बने थे लेकिन  धरने पर बैठे रेजिडेंट डॉक्टरों ने पर्चा काउंटर ही बंद करा दिया। जिसके बाद कई मरीजों को बिना इलाज के अस्पताल से लौटना पड़ा।