Bihar Politics बिहार में सहयोगी पार्टियों को साधने में जुटी बीजेपी, चिराग-मांझी ने रखी शर्तें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है। नीतीश कुमार एक फिर एनडीए में वापसी कर रहे हैं। आरजेडी के बाद अब बीजेपी बिहार में अन्य सहयोगी पार्टियों को साधने में जुट गई है।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार हलचल देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है। नीतीश कुमार एक फिर एनडीए (NDA) में वापसी कर रहे हैं। आरजेडी (RJD) के बाद अब बीजेपी (BJP) बिहार में अन्य सहयोगी पार्टियों को साधने में जुट गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) ने 27 जनवरी को दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) से मुलाकात की। इस दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को लेकर अमित शाह और नड्डा के सामने अपनी राय रखी। चिराग पासवान के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi) ने भी अपनी शर्तें रखी है। फिलहाल बयानबाजियां, बैठकों के दौर और कयासों का सिलसिला लगातार जारी है।
चिराग पासवान ने रखी अपनी राय
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार के सीएम बनने से पहले अपनी राय रखी है। सूत्रों के मुताबिक, लोजपा (रामविलास) पार्टी चाहती है कि बिहार में एनडीए का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बने। उसके आधार पर ही सरकार चलनी चाहिए। चिराग पासवान ने सिर्फ नीतीश कुमार के साथ निश्चय के आधार पर सरकार चलाये जाने के पक्ष में नहीं हैं। चिराग ने सख्तस तेवर दिखाते हुए कहा कि बीजेपी एक बड़ी पार्टी हैं, ऐसे में उनको अपनी सीटे एडजस्ट करना चाहिए।
ये सिर्फ जेडीयू और महागठबंधन का एजेंडा- चिराग
चिराग पासवान का मानना है कि ये सिर्फ जेडीयू और महागठबंधन का एजेंडा है। चिराग की मांग है कि उनके 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' एजेंडे को भी एनडीए सरकार के एजेंडे में शामिल किया जाए। हालांकि, चिराग पासवान ने ये भी साफ किया कि उनका नीतीश कुमार से कोई निजी झगड़ा नहीं है, लेकिन वे नीतियों से समझौता नहीं करेंगे। अगर नीतीश कुमार जिद पर न अड़ें, तो एक प्लेटफार्म पर आने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। इतना ही नहीं, चिराग पासवान ये भी चाहते हैं कि जेडीयू के आने के बाद भी उनके कोटे की सीटों की संख्या कम न हो।
आरजेडी के साथ नहीं जाएगी लोजपा (रामविलास)
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान का कहना है कि बीजेपी जिसे लाना चाहती है लाए, लेकिन लोजपा सीटों से समझौता नहीं करेगी। सीटों पर बात नहीं बनी तो पार्टी फिर 2020 विधानसभा चुनाव की तरह बीजेपी के साथ और जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। पार्टी जेडीयू कोटे की 17 और अपने कोटे की 6 सीट मिलाकर 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सीटों को एडजस्ट कर सकती है बीजेपी- चिराग
पार्टी सूत्रों ने आरजेडी के साथ जाने की किसी तरह की संभावना को नकारते हुए कहा कि वे पीएम मोदी का साथ किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। चिराग का मानना है कि वो बहुत धोखा खा चुके हैं, अब और नहीं खाएंगे। BJP बड़ी पार्टी है, इसलिए वो सीटों को एडजस्ट कर सकती है, लेकिन अगर वो LJP (रामविलास) की सीटों से कॉम्प्रोमाइज करेगी तो हमारे पास कोई स्पेस नहीं है। इसलिए अगर नीतीश कुमार आ रहे हैं, तो बीजेपी कॉम्प्रोमाइज करे न कि चिराग पासवान। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू और लोजपा दोनों एनडीए का हिस्सा थे। तब बीजेपी और जेडीयू ने कुल 40 में से 17-17 और लोजपा ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तीनों ने मिलकर 39 सीटें जीती थीं। 2019 में एक सीट कांग्रेस को मिली थी।
मांझी को मनाने पहुंचे बीजेपी के मंत्री
दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय और फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी शनिवार को सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी ‘हम’ के नेता जीतन राम मांझी को मनाने पहुंचे। जीतन राम मांझी ने साफ कर दिया है कि वो पीएम मोदी के साथ ही रहेंगे, लेकिन उन्होंने नई सरकार में दो मंत्री पद की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की वापसी से पहले अपनी शर्त रख दी है। बताया जा रहा है कि मांझी के चार विधायक हैं और उन्होंने 2 मंत्री पद मांगे हैं। मांझी चाहते है कि नई सरकार में उनके दो मंत्री HAM के हों। हालांकि अभी तक इस पर किसी का अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
‘हम’ ने की 2 मंत्री पद की मांग
‘हम’ पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुन्दर शरण (Shyam Sundar Sharan) ने नई सरकार में पार्टी के लिए कम से कम 2 मंत्री पद की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी गरीबों की बात करती है। ऐसे में हमें कम से कम 2 मंत्री पद जरूर मिलने चाहिए। श्याम सुन्दर शरण ने कहा कि, यह हमारी शर्त नहीं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मांग है। जानकारी के मुताबिक, जीतन राम मांझी लोकसभा की 6 सीटें मांग सकते हैं।
नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं- उमेंद्र कुशवाहा
राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्री य अध्याक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमेंद्र कुशवाहा (Former Union Minister Umendra Kushwaha) का कहना है कि उन्हें नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है। सहयोगी दलों के मन में नीतीश कुमार को लेकर संशय है। कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी को विश्वासस पैदा करना होगा। उन्हों ने लोकसभा चुनाव में 3 सीटों की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, कुशवाहा की इस मांग पर पेंच फंस सकता है, लेकिन माना जा रहा है कि कुशवाहा को मनाना बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल नहीं होगा।