Bangladesh Student In BHU: BHU में बांग्लादेशी छात्रों ने वतन लौटने से किया इनकार,वार्डेन को लिखा दिया पत्र
बीते दिन बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं कल से ही बांग्लादेश में हालात गंभीर है, लोग सड़को पर हिंसा कर रहें है। इस बीच बीएचयू में पढ़ रहे बांग्लादेशी छात्रों ने अपने वतन वापसी के लिए सामने से ही इनकार कर दिया है।
Bangladesh Student In BHU: बीते दिन बांग्लादेश(bangladesh) की पूर्व पीएम शेख हसीना(Former PM Sheikh Hasina) ने अपने पद से इस्तीफा(resign) दे दिया। वहीं कल से ही बांग्लादेश में हालात गंभीर है, लोग सड़को पर हिंसा कर रहें है। इस बीच बीएचयू (BHU) में पढ़ रहे बांग्लादेशी छात्रों ने अपने वतन वापसी के लिए सामने से ही इनकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश के 25 छात्रों ने अपना कोर्स पूरा कर लिया है और ऐसे में उन्हें हॉस्टल का रूम खाली करने के साथ अपने देश वापस जाने को कहा गया। लेकिन उन्होंने इससे साफ इंकार कर दिया।
बीएचयू प्रशासन को लिखा पत्र
बताया जा रहा है कि सभी बांग्लादेशी छात्र(bangladeshi student) वहां के हालातों के सामान्य होने का इंतजार कर रहे है। इस पर वहां के छात्रों ने हॉस्टल(hostel) में ही रहने के लिए हॉस्टल को पत्र दिया। जिसपर विश्वविद्यालय ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए फिलहाल हॉस्टल में ही रहने की अनुमति दे दी है।
वार्डेन प्रो.एसवीएस राजू ने दी अनुमति
ये सभी छात्र इंटरनेशनल हॉस्टल में रहते थे जहां के वार्डेन प्रो.एसवीएस राजू (Warden Prof.SVS Raju) है। उन्होने बताया कि, 'बांग्लादेश के हालात देखते हुए वहां के कुछ छात्रों को फिलहाल हॉस्टल में रहने की अनुमति दे दी गई है। हालात सामान्य होने के बाद हॉस्टल खाली करा लिया जाएगा।'
बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने मौजूदा संसद को भंग करने का किया ऐलान
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन (Bangladesh President Mohammad Shahabuddin) ने मौजूदा संसद को भंग करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि संविधान के अनुसार मौजूदा संसद को जल्द से जल्द संसद को भंग कर दिया जाएगा। डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास बंगभवन से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह बयान दिया गया। इससे पहले सोमवार रात को अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा के लिए सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमां के साथ बंगभवन में तीनों सेनाओं के प्रमुखों, राजनीतिक नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और आरक्षण आंदोलन के नेताओं की बैठक हुई थी।